सलातुल तस्बीह की नमाज़ का तरीक़ा।
सबसे पहले नियत बांधनी है औऱ नियत ये है (नियत करता हूँ मै चार रकात नमाज़ ए सलातुल तस्बीह वास्ते अल्लाह ताला के रुख़ मेरा काबे शरीफ़ की तरफ़ अल्लाह हुअकबर) सना पढ़ने के बाद,
15 मर्तबा तीसरा क़लमा पढ़ना है, और तीसरा कलिमा ये है ( सुब्हान अल्लाही वल हमदुलिल्लाहि वला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर वला हउला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्ला हिल अलिय्यिल अज़ीम।)
उसके बाद सूरे फ़ातिहा और कोई सूरत पढ़कर,
10 मर्तबा तीसरा कलिमा,
10मर्तबा रुकू में जाकर रुकू की तस्बीह पढनेबके बाद,
10 मर्तबा रुकू से उठ कर खड़े खड़े,
10 मर्तबा सजदे में जाकर तस्बीह पढ़ने के बाद,
10 मर्तबा सजदे से उठकर बैठे बैठे,
10 मर्तबा फिर दूसरे सजदे में जाकर,
ये एक रकात में 75 मर्तबा होना चाहिए,
इसके बाद दूसरी रकात में सना न पढ़कर यूँहीं 15 मर्तबा तीसरा कलिमा पढ़ना है,
और जो तरीक़ा पहली रकात में है वही पूरा तरीक़ा दोहराया जाएगा,
और इसी नहज पर ही चारों रकातें मुकम्मल करनी हैं,
ये कुल मिला कर 300 मर्तबा कलिमा हो जाएगा,
और दुआओं में हमें भी याद रखना के अल्लाह हमसे अपने दीन का काम लेले आमीन,
मोहम्मद सलमान गजरोलवी।
Thursday, May 11, 2017
सलातुल तस्बीह की नमाज़ का तरीक़ा।
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