Tuesday, September 20, 2016

तंज़ीम(NGO)का मक़सद تنظیم کے مقاصد

अंजुमन तहफ़्फ़ुज़े सुन्नत एजुकेशनल वेलफेयर सोसाइटी(रिज0)के मक़ासिद,
1- मुआशरे में बढ़रहे रुसुमात व् बिदआत जैसी तमाम  बुराइयों को दूर करते हुए दीनी माहोल क़ायम करना।
2- औलाद की तरबियत मर्द व् औरतों के हुक़ूक़ की जानकारी कराने के लिए मस्तोरात व् ग़ैर मस्तोरात के प्रोग्राम कराना।
3- उम्मते मुस्लिमा के दिलों में ईमानी जज़्बा व् ग़ैरत दिलाते हुऐ मदारिस व् मसाजिद से जोड़ने की मुहिम चलाना,
4- जहेज़ का सही तरीक़ा अवाम को बता कर और खुद अमल करते हुए क़ुरआने करीम और हदीस शरीफ़ की रौशनी में विरासत के फ़ायदे बताकर बहनों को विरासत में हिस्सा देने के लिए लोगों पर ज़ोर डालना,नोटः ये इस वजह से के ये अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त का हुक्म मिटता जा रहा है जिसकी क़ुरआने करीम में सख़्त ताकीद की गई है.
5- मोक़ै महल के ऐतबार से जैसे मोहर्रम, रबीउल अव्वल,शबे बारात, रमज़ान शरीफ़  व् ईद वग़ैर के मौक़ों पर दीनी प्रोग्रामों का आयोजन करना.
6- बेवाओं और बे सहारा लड़कियों के बेहतरीन निकाह का इंतिज़ाम करना.
7- किसानों को खेती की जानकारी कराने के लिये क्रषि विभाग से टीम बुलाकर प्रोग्रामों   का आयोजन करना.
8- इसी तरह सरकारी और ग़ैर सरकारी जाइज़ इस्किमों से फ़ायदा हासिल करने के लिये मुस्तहिक़ लोगों कों जोड़ना.
9- मोहल्ले गावँ व् शहरी इलाक़ो में दीनी व् दुनयवि तालीम दिलाते हुऐ गऱीब बच्चों को सरकार से वज़ीफ़ा दिलाने का नज़्म करना।
10- और ख़ास तोर से क़ुरआन और हदीस से लोगों को जोड़ना और इसके बेहतरीन इंतिज़ामात मुहैय्या करना।
                  
और ये संस्था हर वो काम करेगी जो इसके कार्य में आता है।
By Manager, Mohd Salman Gajrolvi.

Tuesday, September 6, 2016

محمد سلمان گجرولوی

यूमे आज़ादी(15अगस्त2016)

یوم آزادی(15اگست)
अंजुमन तहफ़्फ़ुज़े सुन्नत एजुकेशनल वेलफेयर सोसाइटी(रजि0)गजरौला ज़िला अमतोहा।
की जानिब से शहर नजीबाबाद ज़िला बिजनोर में 15 अगस्त(स्वतंत्रता दिवस) की 70वीं ख़ुशी मनाइ गई जिसमे क़ोमी झंडा लहराते हुए राष्ट्रीय ज्ञान गाने के बाद हज़रत मुफ़्ती इस्लामुद्दीन साहब नजीबाबादी ने तहरीके आज़ाद हिन्द के शुहदा हज़राते उलमा ए इकराम व् दीगर लोगों की क़ुर्बानियों पर जमकर रौशनी डाली।और अंजुमन(संस्था)के प्रदेश प्रबंधक मौ0सलमान गजरौलवी ने भी अपनी तक़रीर में कहा के आज हमे अहसासे कमतरी का शिकार नहीं होना चाहिए इसलिए के आज़ादी ए हिन्द की लड़ाई में हमारा अहम किरदार रहा है।
इस मोके पर तहफ़्फ़ुज़े सुन्नत नजीबाबाद के सदर हज़रत मौलाना सुहैल साहब,मौलाना आरिफ़,मौलाना वसीम साहब,मौलाना बिलाल साहब आदि लोग मौजूद रहे।
तमाम पत्रकारों ने मौके पर पहुंचकर ख़बर को दर्ज किया और अमनो अमान की दुआ के साथ प्रोग्राम का इख्तिताम् पज़ीर हुआ।(समाप्त)

Friday, July 22, 2016

मौ0सालमन और मौ0अहमद हसन

अपने खैत पर चारा काट रहे मै0सलमान गजरौलवी और उनके भतीजे मै0अहमद हसन

Wednesday, June 8, 2016

बादशाहे हिन्द की फहरिस्त।

दोस्तों जहाँ तक मैंने पढा है 8वीं शताब्दी में ही
मुहम्मद-बिन-कासीम ने हिन्द की सरजमीं पर
इस्लामी परचम लहरा दिया था।
आज मैं आपके सामने मुस्लिम हुक्मरान और
उनकी हुकूमत काल के बारे में बताऊंगा।
मैं आमिर नासिरुद्दीन सुबक्तगीन से शुरुआत
करना चाहूँगा।
मुस्लिम हुक्मरान के नाम निम्न प्रकार है-
1. आमिर नासिरुद्दीन सुबक्तगीन
हुकूमत 13 साल (984-997ईस्वी)
2. महमूद गजनवी
हुकूमत 32साल (997 or 998-1030 ईस्वी)
3. सुल्तान शहाबुद्दीन गौरी
हुकूमत 31 साल (1175-1206 ईस्वी)
4. सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक
हुकूमत 4 साल (1206-1210 ईस्वी)
5. सुल्तान शमशुद्दीन अल्तमश
हुकूमत 24साल (1211-1235 ईस्वी)
6. रज़िया सुल्तान' सुल्तान शमशुद्दीन अल्तमश
की बेटी
7. सुल्तान नासिरुद्दीन मेहमूद
हुकूमत 20 साल (1246-1266 ईस्वी)
8. सुल्तान ग़यासुद्दीन बलबन
हुकूमत 21 साल (1266-1287ईस्वी )
(ख़िलजी वंश)
9. सुल्तान जलालुददीन ख़िलजी
हुकूमत 6 साल (13जून 1290 – 20 जुलाई
1296)
10. सुल्तान अलाऊद्दीन ख़िलजी
हुकूमत 20 साल (1296-1316 ईस्वी)
(तुगलक वंश)
11. सुल्तान ग्यासुद्दीन तुगलक
हुकूमत 4 साल (1321-1325 ईस्वी)
12. सुल्तान मोहम्मद शाह तुगलक
हुकूमत 27 साल (1325-1352ईस्वी )
13. सुल्तान फ़िरोज़ शाह तुगलक
हुकूमत 35 साल (1352-1387 ईस्वी)
सय्यद वंश
14. ख़िज़्र खाँ
हुकूमत 7 साल (1414-1421ईस्वी )
15. मुबारक़ शाह
हुकूमत 13 साल(1421-1434ईस ्वी)
16. मुहम्मद शाह
हुकूमत 11 साल (1434-1445ईस्वी )
17. आलमशाह शाह
हुकूमत 6 साल(1445-1451ईस ्वी)
(लोधी वंश)
18. सुल्तान बेहलोल लोधी
हुकूमत 37 साल (1451-1488ईस्वी )
19. सुल्तान सिकंदर लोधी
हुकूमत 29 साल (1488-1517 ईस्वी)
20. सुल्तान इब्राहिम लोधी
हुकूमत 9 साल (1517-1526ईस्वी )
(मुगल वंश)
21. शहेन्शाह ज़हरुद्दीन बाबर
हुकूमत 4 साल (1526-1530)
22. शहेन्शाह हुमायूं
हुकूमत (पहला दौर) 10 साल (1530-1540)
(सूरी वंश)
23. शेर शाह सूरी
हुकूमत 5 साल (1540-1545)
24. इस्लाम शाह सूरी
हुकूमत 8 साल (1545-1553)
25. फिरोज़ शाह सूरी
(1553)
26. मुहम्मद शाह आदिल
(1553)
27. इब्राहिम शाह सूरी
हुकूमत 3 साल (1553-1555)
28. सिकंदर शाह सूरी
(1555)
29. आदिल शाह सूरी
(1555)
(मुगल वंश)
22. शहेन्शाह हुमायूं
हुकूमत(दूसरा दौर) 1 साल (1555-1156)
30. शहेन्शाह जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर
हुकूमत 49 साल (1556-1605)
31. शहेन्शाह नूरुद्दीन जहांगीर
हुकूमत 22 साल (1605-1627)
32. शहेन्शाह शाहजहां
हुकूमत 31 साल (1627-1658)
33. औरंगजेब आलमगीर
हुकूमत 49 साल (1658-1707)
34. मुहम्मद अहमद शाह
हुकूमत सिर्फ कुछ समय तक के लिए
14 मार्च,1707 से 8 जून,1707 तक
35. बहादुर शाह अव्वल
हुकूमत 5 साल (1707-1712)
36. जहांदार शाह
हुकूमत 1 साल (1712-1713)
37. फर्रुख शेर
हुकूमत 6 साल (1713-1719)
38. रफी उद_दर्जत
हुकूमत सिर्फ कुछ महीनो के लिये
28 फ़रवरी 1719 – 6 जून 1719
39. शाहजहां II (द्वितीय)
हुकूमत सिर्फ कुछ महीनो के लिये
6 जून 1719 – 19 सितम्बर 1719
40. मोहम्मद शाह
हुकूमत 29 साल (1719-1748)
41. अहमद शाह
हुकूमत 6 साल (1748-1754)
42. आलमगीर सानी उर्फ़ आलमगीर II (द्वितीय)
हुकूमत 5 साल (1754-1759)
43. शाह आलम
हुकूमत 47 साल (1759-1806)
44. जहां शाह
हुकूमत सिर्फ कुछ समय के लिए
31 जुलाई 1788 ― 16 अक्टूबर 1788
45. अकबर सानी
हुकूमत 31 साल (1806-1837)
46. बहादुर शाह ज़फ़र
हुकूमत 20 साल 42 दिन (1837-1857) ।
दोस्तों मैंने 984 से 1857 ईस्वी तक के मुस्लिम
हुक्मरानों के नाम आपके सामने रखे। मायने कि
इसके हिसाब से मैंने 873 साल तक हुकूमत करने
वाले बादशाहो के नाम आपके सामने रखे। जहाँ तक
मुझे इल्म है 710 ईस्वी में मुहम्मद बिन कासिम
हिन्द आये थे और पहली बार उसने हिन्द की
सरजमीं पर इसलामी परचम लहराया था।
दोस्तों 710 से 1857 का समय अंतराल 1,147
साल होता है। मायने कि 1,147 साल मुस्लिम
हुकूमत के इतिहास में रंगे है।
दोस्तों 1857 से 2016 तक, मायने कि लगभग
159 सालो हो गए लेकिन मुस्लिम हिन्द का
हुक्मरान नही बन सका।
इन 159 साल में से तो 90 साल (1857-1947)
तक तो हम अंग्रेजो के गुलाम रहे लेकिन 1947 से
2016 तक, मायने कि 69 साल हो गए लेकिन हम
मुसलमानो की हालात बत्तर हो गयी। कहाँ हमने
हज़ारो साल हुकूमत की.... और आज हम कहा है और इसकी वजह सिर्फ हम लोगो के बिच में एक ना होना और आपसी मसलक और फिरके में बटजाना है

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मत लड़ो आपस में नहीं तो बिखर
जाओगे~
~मौत आने से पहले ही खुद की नज़रों में मर
जाओगे~
~हो मुसलमान तो मिसाल बन कर उभरो
दुनिया के लिए~ ~नहीं तो इतिहास के चंद पन्नो में सिमट
जाओगे।~
~हिफाज़त करो ईमान की~
~इबादत करो रहमान की~
~तिलावत करो कुरआन की~ ~पुकार
सुनो अज़ान की~ ~क्योकि नमाज शान है मुसलमान की।

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इतेहाद जिन्दंगी है इंतेषार मौत है

Sunday, May 29, 2016

Tahaffuze Sunnat Conference

नजीबाबाद में तहफ़्फ़ुज़े सुन्नत कॉन्फरन्स हुई 04/03/2016 को।

Wednesday, May 25, 2016

इस्टेज् पर मौजूद मौ0सलमान गजरौलवी

पिछड़ा वर्ग मुस्लिम समाज सम्मेलन गजरौला के अविन्तिका पार्क में आयोजित किया गया जिसमे मौजूदा सरकार से मुसलमानों के हुक़ूक़ दिलाने का एक पिरस्ताव् पास करके उसको सरकार तक पहूंचाने का अहद किया गया।
इस मौके पर मौजूद रहे मुस्लिम समाज के प्रदेश अध्यछ जफ़र मालिक,
तहफ़्फ़ुज़े सुन्नत ग्रूप के प्रदेश प्रबंधक मौ0सलमान गजरौलवी,
और तहफ़्फ़ुज़े सुन्नत ग्रूप के प्रदेश कोषाध्यछ हाफ़िज़ मौ0सदाक़त गजरौलवी अदि लोग मौजूद रहे।

Saturday, April 23, 2016

मौ0सलमान गजरौलवी को अवार्ड देकर नई दिल्ली ने सराहा।

30/03/2016 को नई दिल्ली में डॉ0राममनोहर लोहिया एक्सिलेंस अवार्ड आयोजित सम्मेलन के ज़ेरे एहतिमाम तहफ़्फ़ुज़े सुन्नत ग्रूप के प्रदेश(प्रबंधक) मौ0सलमान गजरौलवी को नई दिल्ली में आवार्ड देकर सम्मानित किया गया।


Tuesday, January 26, 2016

SajidMalik198

Azadi e hind के Shuhada उलमा ए देवबंद। http://mdsalmangjl.blogspot.com/2016/01/azadi-e-hind-shuhada.html

Azadi e hind के Shuhada उलमा ए देवबंद।

सन् 1600 के बाद मुग़लिया सल्तनत को बर्बाद कर के अंग्रेजों ने हिंदुस्तान को अपना ग़ुलाम बना लिया था जिसका नुक़सान ग़ैर मुस्लिमों को भी हुआ और भारी नुक़सान मुसलमानों को बर्दाश्त करना पड़ा इसी वजह से उलमा ए देवबंद ने दूसरे वतनी भाइयों को साथ लेकर इस मुल्क को आज़ाद कराया।
और अल्लाह के करम से एक लंबे अरसे के बाद ये कामयाबी मिली ।