तलाक का जिम्मेदार कौन
आज कल टी वी पर जो लडकिया ज़ोर ज़ोर से चिल्लाकर तलाक के मुआमले में शरीयत को ज़िम्मेदार मान रही है,
क्या उनके माँ बाप या उस लड़की ने शादी से पहले ये इंक़वायारी की थी
के लड़के को दीन और शरीयत के बारे में पता है या नही,
पंज वक़्ता नमाज़ी है या नही,
पुख्ता ईमान वाला है या नही,
आशिक़े रसूल है या नही,
रिज़्क़े हलाल कमाता है या नही,,।
हराम की कमाई तो नही कमाता कही,,।
कुछ मसला हुवा तो इस्लामी शरीयत के दायरे में रहकर डिसीजन लेना इसे आता है या नही???
नही ऐसी इंक़वायरी कोई माँ - बाप या लड़की नही करती,
सब यही देखते है के कमाता कितना है,
हलाल ,हराम से कोई मतलब नही बस कमाता कितना है,।
दिखता कैसा है,
घुमाएगा फिरायेगा के नही,
गैर मर्दो से बात करने में टोकेगा तो नही,
दाढ़ी वाला तो नही है ना, या
दाढ़ी बढ़ाएगा तो नही,
पार्लर जाने देगा या नही????
अरे बेवकूफ लड़कियों,
अगर इस से बेहतर ये देख लेती के
दीन वाला है या नही??
असली मोमिन व सच्चा आशिक़ के रसूल है या नही,,
कमाई हलाल है या नहीं,,
जिसको ये तो मालूम होता के बीवी के हुक़ुक़ क्या है,
रिश्ते का अदब क्या है,
और तलाक देने का सही तरीका क्या है,
और तलाक कितनी बुरी बात है।
अरे
जब तुम खुद ही बिपाशा बन के दूल्हा ढूंढ़ने निकली हो तो
तुम्हे दूल्हा भी इमरान हाशमी ही मिलेगा ना????
तुम्हे एक वफादार शौहर कैसे मिलेगा,
अगर शरीयत का पाबंद इंसान ढूंढती तो तलाक़ तक बात ही ना पहुचती ?
जब शादी करते वक़्त शरीयत याद नही आई तुम्हे और तुम्हारे माँ- बाप को तो
आज क्यों शरीयत पर उँगली उठाते हो?
तुमने खुद ही पसंद किया ऐसा घर जिसमे शरीयत ही किसी को पता नही
तो,वो तीन क्या तीन सौ भी तलाक एक साथ दे देगा,
उसे क्या पता
एक एक देनी है,या
एक साथ देनी है,
उसे क्या पता के
तलाक से अल्लाह नाराज़ होता है।
और आज तुम शरीयत पर उंगलिया उठा रही हो.....
अर्रे बेवकूफ
तुम खुद भी ज़िम्मेदार हो इस हालात के।
अगर हर लड़की के माँ- बाप ये तय कर ले के,
वो शरीयत के पाबंद और नमाज़ी को ही अपनी बेटी देंगे,वरना नही देंगे,
तो देखना बीवी नही मिलेगी इस डर से थोड़े दिन में ही लड़के शरीयत पर चलने लगेंगे,
और इंशाअल्लाह शरीयत पर चलने वाले मिया बीवी तो कभी भी परेशानी में नही दिखते,
बल्कि सबसे ज़्यादा खुशहाल रहते है,,।
क्यो की वो अपने ऊपर के हुक़ुक़ खूब जानते है,
फिर तलाक तो बहुत दूर।
आगे भेजो फायदा होगा इंशा अल्लाह।