Saturday, August 26, 2017

तीन तलाक का सही ज्ञान क्यों नहीँ?

तलाक का जिम्मेदार कौन
आज कल टी वी पर जो लडकिया ज़ोर ज़ोर से चिल्लाकर तलाक के मुआमले में शरीयत को ज़िम्मेदार मान रही है,
क्या उनके माँ बाप या उस लड़की ने शादी से पहले ये इंक़वायारी की थी
के लड़के को दीन और शरीयत के बारे में पता है या नही,
पंज वक़्ता नमाज़ी है या नही,
पुख्ता ईमान वाला है या नही,
आशिक़े रसूल है या नही,
रिज़्क़े हलाल कमाता है या नही,,।
हराम की कमाई तो नही कमाता कही,,।
कुछ मसला हुवा तो इस्लामी शरीयत के दायरे में रहकर डिसीजन लेना इसे आता है या नही???
नही ऐसी इंक़वायरी कोई माँ - बाप या लड़की नही करती,
सब यही देखते है के कमाता कितना है,
हलाल ,हराम से कोई मतलब नही बस कमाता कितना है,।
दिखता कैसा है,
घुमाएगा फिरायेगा के नही,
गैर मर्दो से बात करने में टोकेगा तो नही,
दाढ़ी वाला तो नही है ना, या
दाढ़ी बढ़ाएगा तो नही,
पार्लर जाने देगा या नही????
अरे बेवकूफ लड़कियों,
अगर इस से बेहतर ये देख लेती के
दीन वाला है या नही??
असली मोमिन व सच्चा आशिक़ के रसूल है या नही,,
कमाई हलाल है या नहीं,,
जिसको ये तो मालूम होता के बीवी के हुक़ुक़ क्या है,
रिश्ते का अदब क्या है,
और तलाक देने का सही तरीका क्या है,
और तलाक कितनी बुरी बात है।
अरे
जब तुम खुद ही बिपाशा बन के दूल्हा ढूंढ़ने निकली हो तो
तुम्हे दूल्हा भी इमरान हाशमी ही मिलेगा ना????
तुम्हे एक वफादार शौहर कैसे मिलेगा,
अगर शरीयत का पाबंद इंसान ढूंढती तो तलाक़ तक बात ही ना पहुचती ?
जब शादी करते वक़्त शरीयत याद नही आई तुम्हे और तुम्हारे माँ- बाप को तो
आज क्यों शरीयत पर उँगली उठाते हो?
तुमने खुद ही पसंद किया ऐसा घर जिसमे शरीयत ही किसी को पता नही
तो,वो तीन क्या तीन सौ भी तलाक एक साथ दे देगा,
उसे क्या पता
एक एक देनी है,या
एक साथ देनी है,
उसे क्या पता के
तलाक से अल्लाह नाराज़ होता है।
और आज तुम शरीयत पर उंगलिया उठा रही हो.....
अर्रे बेवकूफ
तुम खुद भी ज़िम्मेदार हो इस हालात के।
अगर हर लड़की के माँ- बाप ये तय कर ले के,
वो शरीयत के पाबंद और नमाज़ी को ही अपनी बेटी देंगे,वरना नही देंगे,
तो देखना बीवी नही मिलेगी इस डर से थोड़े दिन में ही लड़के शरीयत पर चलने लगेंगे,
और इंशाअल्लाह शरीयत पर चलने वाले मिया बीवी तो कभी भी परेशानी में नही दिखते,
बल्कि सबसे ज़्यादा खुशहाल रहते है,,।
क्यो की वो अपने ऊपर के हुक़ुक़ खूब जानते है,
फिर तलाक तो बहुत दूर।

आगे भेजो फायदा होगा इंशा अल्लाह।

Friday, August 4, 2017

ज़िला अमरोहा अधिकारियों के नम्बर।

जिला अमरोहा के समस्त सरकारी अधिकारियों के जरूरी नंबर
Administration
S.No. Description Office Residence CUG/Mobile No. Fax
1 District Judge 253230 252966
2 District Magistrate 252288 253999 9454417571 252993
3 A.D.M. (F & R) 252289 253650 9454417642
Police Department
1 Superintendent of Police 263288 252344 9454400281
2 Additional Superintendent of Police 263244 252225 9454401068
3 C.O. (Amroha Nagar) 264520 9454401537
4 C.O. (Dhanaura) 252980 9454401538
5 C.O. (Hasanpur) 264240 9454401539
6 Inspector (Amroha Nagar) 262027 9454403670
7 Inspector (Didoley) 246005 9454403673
8 Inspector (Hasanpur) 264520 9454403675
9 S.O. (Amroha Dehat) 263808 9454403669
10 S.O. (Naugawan Sadat) 223234 9454403676
11 S.O. (Dhanaura) 273100 9454403672
12 S.O. (Gajraula) 252700 9454403674
13 S.O. (Rajabpur) 245100 9454403677
14 S.O. (Bachhraun) 273048 9454403771
15 S.O. (Sadnagli) 240400 9454403678
16 S.O. (Aadampur) 242001 9454403668
17 S.O. (Mahila Thana ) 9454404777
18 S.P.O 9454456441
19 R.I. (Police Line) 9454402370
20 Inspector L.I.U. 9454402074
21 Inspector (Radio Branch)        100 262580 9454417375
22 अग्निशमन अधिकारी, अमरोहा 9454418540
23 अग्नि नियंत्रण कक्ष, फायर स्टेशन अमरोहा 9454418541
24 अग्निशमन अधिकारी, गजरौला 9454418542
25 अग्नि नियंत्रण कक्ष, फायर स्टेशन गजरौला 9454418543
Health Department
1 Chief Medical Officer 252228, 259370
2 Chief Veterinary Officer 253914
3 Dy. Chief Veterinary Officer 253914
Development Department
1 CDO 253161 263161 9454465158
2 DDO 252164 9454465160
3 PD, DRDA 252177 9454465159
4 DPRO 252752
5 BDO (Amroha) 9454465166
6 BDO (Dhanaura) 275581 9454465161
7 BDO (Hasanpur) 9454465164
8 BDO (Joya) 9454465162
9 BDO (Gajraula) 9454465163
10 BDO (Gangeshwari) 9454465165
Education Department
1 ज़िला विद्यालय निरीक्षक अमरोहा 259267, 259268
2 ज़िला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अमरोहा 0591-2223421
3 ज़िला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमरोहा 264028
4 वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा
5 सहा0 वित्त एवं लेखाधिकारी, सर्व शि0अ0
6 खण्ड शिक्षा अधिकारी अमरोहा
7 खण्ड शिक्षा अधिकारी जोया
8 खण्ड शिक्षा अधिकारी गजरौला
9 खण्ड शिक्षा अधिकारी हसनपुर
10 खण्ड शिक्षा अधिकारी धनौरा
11 खण्ड शिक्षा अधिकारी गंगेश्वरी
12 ज़िला समन्वयक (समेकित शिक्षा)
13 ज़िला समन्वयक (बालिका शिक्षा)
14 ज़िला समन्वयक (मिड-डे-मील)
15 ज़िला समन्वयक (निर्माण)
Revenue Department
1 OC (Amroha) 9454416936
2 SDM (Amroha) 266018 9454416929
3 SDM (Dhanaura) 273181 9454416930
4 SDM (Hasanpur) 264169 9454416931
5 SDM (Naugawan Sadat) 9454416940
6 SLAO (Amroha) 9454416938
7 Tehsildaar (Amroha) 9454416933
8 Tehsildaar (Dhanaura) 9454416934
9 Tehsildaar (Hasanpur) 264126 9454416935
10 Tehsildaar (Naugawan Sadat) 9454419080
11 Nayab Tehsildaar (Kailsha) 9454416941
12 DM OSD 9454416937
Forest Department
1 Divisional Forest Officer 261100 261101
2 Forest Officer (Amroha Range)
3 Forest Officer (Dhanaura Range)
4 Forest Officer (Hasanpur Range)
Others Departments
1 उप कृषि निदेशक अमरोहा 259006
2 ज़िला कृषि अधिकारी अमरोहा 259408
3 ज़िला गन्ना अधिकारी अमरोहा 246478
4 सचिव मंडी समिति धनौरा
5 उपायुक्त वाणिज्य कर अमरोहा 250304
6 श्रम प्रवर्तन अधिकारी अमरोहा 264084
7 अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग 253261,252251
8 सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग 253261,252251
9 अधिशासी अभियंता निर्माण खण्ड लो०नि०वि० 246063
10 सहायक अभियंता निर्माण खण्ड लो०नि०वि० 246063
11 अधिशासी अभियंता निर्माण खण्ड-1 (प्र०प०) लो०नि०वि० (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना) 246101
12 सहायक अभियंता निर्माण खण्ड-1 (प्र०प०) लो०नि०वि० (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना) 246101
13 सहायक अभियंता निर्माण खण्ड लो०नि०वि० 246063
14 सहायक अभियंता लघु सिंचाई अमरोहा 291469
15 ग्रामीण अभियंत्रण विभाग अमरोहा 253126
16 ज़िला निर्वाचन कार्यालय।

Thursday, August 3, 2017

तहरीके आज़ादी।

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*جنگ آزادی میں علماء کا کردار*

✍🏻از:
  محمد احمد ابن مولانا محمد شفیع قاسمی                                                                                                 رضیة الابرار، سلمان آباد، بھٹکل

جنگ آزادی میں اکابرین دیوبند
🇮🇳 *حاجی امدالله مہاجرمکی رحمه الله ،*
🇮🇳 *مولاناقاسم نانوتوی رحمه الله ،*
🇮🇳 *مولانارشیداحمد گنگوہی رحمه الله،*
               اور فرزندان دارالعلوم دیوبند شیخ الہند
🇮🇳 *مولانامحمودحسن دیوبندی رحمه الله ،*
🇮🇳 *مولاناحسین احمدمدنی  رحمه الله ،*
🇮🇳 *مولانا عبیداللہ سندھی رحمه الله ،*
🇮🇳 *مولانا عزیز گل پیشاوری رحمه الله ،*
🇮🇳 *مولانا منصورانصاری رحمه الله ،*
🇮🇳 *مولانا فضل ربی رحمه الله ،*
🇮🇳 *مولانا محمداکبر رحمه الله ،*
🇮🇳 *مولانا احمدچکوالی رحمه الله ،*
🇮🇳 *مولانا احمدالله پانی پتی رحمه الله ،*
🇮🇳 *مولانا حفظ الرحمن سیوہاروی رحمه الله*
وغیرہم کے کردار کوفراموش نہیں کیاجاسکتا۔

📜1912ء میں ریشمی رومال تحریک کی ابتداء ہوئی،جس کے بانی فرزندِ اول دارالعلوم دیوبند تھے، جن کودنیا *شیخ الہند حضرت مولانامحمودحسن  رحمه الله* کے نام سے جانتی ہے.

🎙 بقول مفکراسلام حضرت مولاناسیدابوالحسن علی ندوی رحمه الله : *”آپ(شیخ الہند)انگریزی حکومت اور اقتدار کے سخت ترین مخالف تھے،سلطان ٹیپو کے بعدانگریزوں کاایسادشمن اورمخالف دیکھنے میں نہیں آیا“*۔
اس تحریک میں اہم رول آپ کے شاگردمولاناعبیدالله سندھی رحمه الله نے ادا کیا، افغانستان کی حکومت کومدد کے لیے تیارکرنااورانگریزوں کے خلاف رائے عامہ بنانا مولانا عبیدالله سندھی رحمه الله  کامشن تھا۔
شیخ الہند رحمه الله کے نمائندے ملک کے اندر اور ملک کے باہرسرگرم اورفعال تھے، افغانستان، پاکستان، صوبہ سرحداورحجازکے اندرقاصدکاکام کررہے تھے،خلافتِ عثمانیہ کے ذمہ داروں سے مثلاًانورپاشاہ وغیرہ سے رابطہ کرنے کی کوشش کی،اورترکی جانے کاشیخ الہند نے خودعزم مصمم کرلیا تھا، اس مقصدکے لیے پہلے وہ حجازتشریف لے گئے اوروہاں تقریباًدوسال قیام رہا،اس اثنا میں دوحج کیے،مکہ مکرمہ پہنچ کرحجازمیں مقیم ترک گورنرغالب پاشاسے ملاقاتیں کیں، اورترکی کے وزیر جنگ انورپاشاسے بھی ملاقات کی، جوان دنوں مدینہ آئے ہوئے تھے،انھیں ہندوستان کی صورت حال سے آگاہ کیااوراپنے منصوبہ سے واقف کرایا،ان دونوں نے شیخ الہند رحمه الله  کے خیالات سے اتفاق کرتے ہوئے، ان کے منصوبے کی تائیدکی اور برطانوی حکومت کے خلاف اپنے اوراپنی حکومت کے تعاون کایقین دلایا، مولانا عبیدالله سندھی رحمه الله نے کابل سے ریشمی رومال📜 پرجوراز دارانہ خطوط شیخ الہند مولانامحمودحسن  رحمه الله کومکہ مکرمہ روانہ کیے تھے، ان کوحکومت برطانیہ کے لوگوں نے پکڑلیا، یہی شیخ الہند رحمه الله  کی گرفتاری کاسبب بنی اورپورے منصوبے پر پانی پھیردیا۔1916 ء میں شریف حسین کی حکومت نے ان کومدینہ منورہ میں گرفتار کرکے انگریزی حکومت کے حوالہ کردیا۔شریف حسین نے خلافت عثمانیہ کے خلاف بغاوت اور غداری کی تھی، وہ برطانوی حکومت کاوفاداردوست تھا اورخلافت عثمانیہ اورمسلمانوں کی تحریک آزادی کاشدید مخالف تھا۔

1917ء میں شیخ الہند رحمه الله  اور ساتھوں کوبحیرئہ روم میں واقع جزیرہ مالٹا جلاوطن کیاگیا۔
⚔مولاناحسین احمدمدنی رحمه الله ،
⚔مولاناعزیزگل پیشاوری رحمه الله ،
⚔مولاناحکیم نصرت حسین رحمه الله ،
⚔مولاناوحیداحمد رحمه الله
وغیرہم نے مدتوں اپنے استاذشیخ الہند رحمه الله کے ساتھ مالٹا کے قیدخانہ میں سختیاں برداشت کیں،مالٹاکے قیدخانہ میں انگریزوں نے شیخ الہند رحمه الله کے ساتھ ظالمانہ برتاؤ کیا، سخت سے سخت سزائیں دی گئیں؛
چنانچہ مولانا حسین احمدمدنی رحمه الله  فرماتے ہیں کہ جب شیخ الہند رحمه الله  کو مالٹا جیل میں نظربندکیاگیاتو انگریزمیرے استادکوایک تہہ خانہ میں لے گئے اور لوہے کی گرم تپتی ہوئی سلاخیں لے کرکمرپرلگاتے رہے اور ساتھ میں یہ فرماتے رہے کہ *”اے محمودحسن! انگریزکے حق میں فتوی دے“جب شیخ الہند رحمه الله ہوش میں آتے توصرف یہی فرماتے تھے کہ ”اے انگریز!میرا جسم پگھل سکتاہے، میں بلال کاوارث ہوں، میری جلدادھیڑسکتی ہے؛ لیکن میں ہرگز ہرگز تمہارے حق میں فتوی نہیں دے سکتا۔“*
شیخ الہندکی تحریک میں
📜 مولانامنصورانصاری رحمه الله ،
📜مولانا فضل ربی رحمه الله ،
📜مولانافضل محمود رحمه الله ،
📜مولانامحمداکبر رحمه الله
  کاشماراہم ارکان میں تھا.
📜مولانا عبدالرحیم رائے پوری رحمه الله ،
📜مولانا محمداحمدچکوالی رحمه الله ،
📜مولانامحمدصادق کراچوی رحمه الله ،
📜 شیخ عبدالرحیم سندھی،
📜مولانا احمدالله پانی پتی،
📜ڈاکٹراحمدانصاری
وغیرہ سب مخلصین بھی مخلصانہ تعلق رکھتے تھے،ان کے علاوہ
📜مولانا محمدعلی جوہر رحمه الله ،
📜مولاناابواکلام آزاد رحمه الله ،
📜مولانااحمدعلی لاہوری رحمه الله ،
📜حکیم اجمل خان
وغیرہ بھی آپ کے مشیر ومعاون تھے ۔

                1919ء میں جمعیة علماء ہندکاقیام عمل میں آیا،جس کے بنیادی ارکان میں
🏁شیخ الہند مولانا محمودحسن دیوبندی رحمه الله ،
🏁مولاناحسین احمدمدنی رحمه الله ،
🏁مولاناعطاء الله شاہ بخاری،
🏁 مولانا ثناء الله امرستری،
🏁مولانامفتی کفایت الله دہلوی رحمه الله ،
🏁 مولانامحمدعلی جوہر،
🏁مولاناشوکت علی،
🏁مولانا ابوالمحاسن سجاد،
🏁مولانا احمدعلی لاہوری رحمه الله ،
🏁 مولاناابوالکلام آزاد،
🏁 مولاناحفظ الرحمن سیورہاروی رحمه الله ،
🏁مولانا احمدسعید دہلوی رحمه الله ،
🏁مولانا سیدمحمدمیاں دیوبندی رحمه الله
جیسے دانشوران قوم تھے۔
شیخ الہند رحمه الله  کی رہائی کے بعد سب سے پہلے 29جولائی 1920ء کوترکِ موالات کافتوی شائع کیاگیا۔

                آپ کی وفات کے بعدآپ کے جاں نثارشاگرد *مولاناحسین احمدمدنی رحمه اللہ*نے آپ کے اس مشن کو جاری رکھا، مولانامفتی کفایت الله دہلوی رحمه الله کی وفات کے بعد1940ء سے تادم آخیرجمعیة علماء ہند کے صدررہے،کئی باربرطانوی عدالتوں میں پھانسی کی سزاسے بچے،آپ انگریزوں کی حکومت سے سخت نفرت رکھتے تھے،آپ دارالعلوم دیوبندکے شیخ الحدیث کے منصب پربھی فائز تھے۔ آزادی کے بعداصلاحی کاموں میں مصروف ہوگئے،دینی خدمت وتزکیہ نفوس کے مقدس مشن میں لگے رہے،5ڈسمبر1957ء میں وفات پائی،دیوبندمیں قبرستان قاسمی میں آسودہ خواب ہیں۔

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